



डिस्ट्रिक्ट चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज बेगुसराय के वर्तमान प्रेसीडेंट प्रदीप हिसारिया ने २७/११/२००७ को बेगुसराय चैप्टर का पदभार ग्रहण किया । व्यवसायिओं के हित के प्रति संवेदनशील श्री हिसारिया ने ''बेगुसराय पुलिस'' के प्रतिनिधि के साथ कुछ पल बिताये ,प्रस्तुत है संक्षिप्त साक्षात्कार :-
प्रश्न :-बेगुसराय उत्तर बिहार का महत्वपूर्ण औद्योगिक और व्यापारिक जिला है,स्वाभाविक है की सुरक्षा तंत्र मजबूत होना चाहिए ,इस परिप्रेक्ष्य में बेगुसराय पुलिस के प्रति आपकी क्या सोच है?
श्री हिसारिया:-बेगुसराय निश्चित ही बिहार का महत्वपूर्ण जिला है जो उद्योग प्रधान तो है ही साथ ही व्यापारिक प्रतिष्ठानों की अधिकता के कारण यहाँ सुरक्षा व्यवस्था भी पुख्ता होनी चाहिए।कुछ वर्ष पूर्व तक बेगुसराय के व्यापारी अपने को असुरक्षित महसूस किया करते थे लेकिन वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अगर देखा जाए तो स्थिति काफी हद तक सुधरी है। व्यापारिओं का पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है,वे पुलिस की हर सम्भव सहायता कर समाज के असामाजिक तत्वों के विरूद्ध खुल कर ब्सामने आने लगे हैं जिससे पता चलता है की आम लोगों का पुलिस की कार्यप्रणाली के प्रति विश्वास बढ़ा है।
प्रश्न:-कुछ वर्ष की पूर्व की बेगुसराय पुलिस और आज की बेगुसराय पुलिस के बीच आप क्या फर्क देखते हैं?
श्री हिसारिया :-इस प्रश्न से तो आपने मुझे उलझा ही दिया है लेकिन अगर मैं स्पष्ट कहूँ तो बेगुसराय के व्यापारी वर्ग के साथ आम लोग भी यह मानने लगे हैं की आरक्षी अधीक्षक अमित लोढा के पदस्थापन के बाद बेगुसराय की प्रशाशनिक व्यवस्था काफी सुदृढ़ हुई है। और लोग वाकई अपने और अपने परिवार को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। आम लोगों की पुलिस के प्रति आस्था बढ़ी है,आपराधिक गतिविधि में गिरावट आयी है,कुल मिलाकर यह कहा जाए की श्री लोढा के कुशल नेत्रित्व ने बेगुसराय की सूरत बदल कर रख दी है।
प्रश्न:-नगर के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की पूर्ण सुरक्षा के लिए बेगुसराय पुलिस से आपकी अपेक्षा क्या है?
श्री हिसारिया:-हम तो पुलिस से यह अपेक्षा रखते हैं की जिस तरह अभी जिला पुलिस सक्रियता का परिचय दे रही है उसी तरह वह सतत प्रयत्नशील रहे,रात में शहर में नियमित पेट्रोलिंग हो,आपराधिक गतिविधिओं की गुप्त सुचना पर त्वरित कार्रवाई करने की क्षमता का विकास हो और प्रत्येक पुलिसवाला जनता के प्रति जिम्मेवार बन जाए तो समझिये शहर की अधिकाँश समस्याओं का समाधान तो हो गया। वैसे अमित लोढा जैसे समर्पित अधिकारी की कार्यकुशलता को देख कर जनता ही हर अपेक्षा तो ख़ुद बा ख़ुद पुरी होती जा रही है।
प्रश्न:-नागरिकों के सहयोग के बिना पुलिस अपेक्षित सफलता हासिल नही कर सकती है,जनसहयोग की भावना समाज में कैसे विकसित हो .......इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?
श्री हिसारिया:-जनसहयोग के बिना पुलिस को अपेक्षित सफलता तो नही मिल सकती है। और जनता भी अपने अधिकारों के प्रति सजग रहे बिना कुछ हासिल नही कर सकती है। इसलिए यह जरुरी है की आम लोग भी सक्रियता का परिचय देकर सुंदर समाज की परिकल्पना को साकार करें। पुलिस से बेहिचक अपनी समस्या कहें,और पुलिस वाले भी जनता के प्रति मृदु व्यवहार रखें तभी पुलिस और पब्लिक के सामंजस्य को संतुलन प्रदान किया जा सकता है। अच्छे लोग पुलिस की मदद तो करना चाहते हैं लेकिन पुलिस के डर से सामने आने से कतराया करते थे मगर श्री लोढा ने तो जादुई परिवर्तन ला दिया है...अब कोई भी पुलिस अधिकारी जनता की बातों को सहजता से समझते बुझते हैं।
प्रश्न:-कल तक बेगुसराय हत्या ,अपहरण,रंगदारी और अन्य आपराधिक गतिविधियों का बुरी तरह से शिकार था मगर आज की तारीख में स्थिति काफी हद तक बदली है....आख़िर पुलिस कप्तान ने ऐसा क्या कर दिया की जिला बिल्कुल शांत और सुरक्षित है?
श्री हिसारिया:-वैसे तो हर अधिकारी की कार्यशैली अलग होती है लेकिन श्री लोढा की कार्यशैली वर्णन से परे है। उन्होंने बेगुसराय जैसे जिले को सुधरने में अपनी सम्पूर्ण उर्जा लगा दी है ,अपने अधीनस्थों से कुशलता पूर्वक काम करवाने की क्षमता और उनमे आत्मविश्वास की वृद्धि कर,पुलिस और जनता के बीच प्रत्यक्ष सम्बन्ध स्थापित कर श्री लोढा ने वाकई अनोखा प्रयास किया है जो जिले के चप्पे चप्पे पर नजर भी आ रहा है।अपराधियों में दहशत का माहौल व्याप्त है और आम लोग चैन की साँस ले रहे हैं।
प्रश्न:-बेगुसराय पुलिस द्वारा बनाये गए ''ब्लॉग'' पर आप कुछ टिपण्णी करना चाहेंगे?
श्री हिसारिया:-अमित लोढा जैसे उर्जावान अधिकारी ने ब्लॉग बनाकर बेगुसराय के लोगों को एक उपहार दिया है। सुचना और प्रोद्योगिकी के इस समय में तकनीक की आवश्यकता से इंकार नही किया जा सकता है। अब बेगुसराय पुलिस संभवतः बिहार की पहली ऐसी पुलिस होने का गौरव हासिल कर चुकी है जो तकनीक को आत्मसात कर आगे बढ़ रही है। अगर लोग इसका सही इस्तेमाल करें तो आरक्षी अधीक्षक को किसी भी तरह की गुप्त सूचना ,अपने विचार और राय प्रेषित कर सकते हैं जिससे पारदर्शी व्यवस्था लागु की जा सकती है। यह प्रयास वाकई सराहनीय है और पुलिस और पब्लिक की दुरी को पाटने का यह माध्यम वाकई प्रशंशनीय है।
मैं बेगुसराय पुलिस के ब्लॉग की सफलता की कामना करता हूँ।
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