Saturday, August 2, 2008

बेगुसराय पुलिस की कार्ययोजना :एक नजर

बदलते परिवेश में बेगुसराय पुलिस भी तकनीक पर आधारित होते जा रहे समय का अनुसरण कर विभिन्न क्षेत्रों में सफलता सृजित कर रही है। कार्य दवाव,तीव्र जिन्दगी और तनाव से गुजरकर कुछ अलग हट कर करने का माद्दा ही बेगुसराय पुलिस को अग्रिम पंक्ति में खड़ा करता है. अम्मंविया मनोवृति और अशोभनीय वर्ताव के लिए कल तक बदनाम की जाने वाली आज की पुलिस मानसिक,शारीरिक और सामाजिक स्तर पर काफी परिपुष्ट हो चुकी है. आख़िर क्या कारन है की पूर्व की पूर्व स्थिति में जबरदस्त सुधर आया है,आख़िर ढुलमुल रहने वाली पुलिस आज इतनी चुस्त कैसे हो गयी है?
जबाब भी बिल्कुल साफ़ है,बेगुसराय पुलिस के परिप्रेक्ष्य में देखें तो नियमित प्रशिक्षण,शारीरिक गतिविधि यथा योग,अध्ययन,सांस्कृतिक आयोजन,वाद-विवाद प्रतियोगिता जैसी गतिविधियों का नियमित संचालन कर बेगुसराय पुलिस ने अपनी छवि काफ़ी हद तक सुधारी है।आरक्षी अधीक्षक अमित लोढा के सक्रिय व चुस्त नेत्रित्व में उपरोक्त क्रियाकलापों के नियमित आयोजन ने पुलिस के तनाव और कार्य दवाब की मानसिक परेशानी को काफ़ी कम किया है. आइये,इस आलेख में जानते हैं प्रमुख वैसे क्रिया कलापों को जो ''बेगुसराय पुलिस'' को वाकई पीपुल फ्रेंडली बनाता है:-
योगा
चमत्कृत कर देने वाला विज्ञानं ''योगा'' अमृत से वाकई कम नही है। व्याधिओं,अनियमित दिनचर्या से उत्पन्न विकारों पर जादुई असर डालनेवाला योग के नियमित उपयोग ने बेगुसराय पुलिस को चुस्त-दुरुस्त बनाया है. समय समय पर योगा के प्रशिक्षकों के द्वारा पुलिस को प्रशिक्षण दिया जाता है. अस्वस्थ और मोटे पुलिसवालों के लिए यह अचूक औषधि से कम नही है. .सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवं थानाध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है की वर योगा और व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें ताकि शारीरिक सौष्ठवता एवं मानसिक शान्ति मिलती रहे.
फिजिकल कैम्प
प्रत्येक दिन के व्यायाम और योग की गतिविधि के साथ साथ यदा कदा फिजिकल कैम्प भी चलाया जता है जिसका मुख्य उद्देश्य अनफिट कॉप्स को फिट करना है। प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें चुस्त किया जाता है और स्वस्थ जीवन जीने के टिप्स भी बताये जाते हैं. इसका फायदा अब यह हो रहा है की पुलिस अब अपने शारीरिक गठन पर ध्यान दे रही है.
क्रिएटिव एक्टिविटी
बेगुसराय पुलिस उपरोक्त गतिविधिओं के साथ-साथ समय-समय पर रचनात्मक कार्यक्रमों का भी आयोजन करती है जिसमे सांस्कृतिक कार्यक्रम भी शामिल हैं। इस तरह के आयोजन ने पुलिस के तनाव और कार्य दवाब को काफ़ी हद तक दूर किया है. ट्वेंटी ट्वेंटी क्रिकेट मैच एवं अन्य आउटडोर इनडोर खेलों के नियमित आयोजन ने मनोरंजक माहौल तो बनाया ही है साथ ही पुलिस बल में आत्मविश्वास एवं नविन उर्जा का संचार किया है.
कॉप्स ग्रोथ प्रोग्राम
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर जिला के सभी पुलिस पदाधिकारी और पुलिस बालों को मानवोचित व्यवहार और संवेदना के गुर बताये जाते हैं। इसके तहत यह प्रशिक्षण दिया जाता है की पुलिस वाले आम लोगों के साथ कैसा व्यव्हार करें ताकि जनता का पुलिस पर विश्वास बढ़ सके. इस प्रोग्राम में ह्यूमन रिलेशन और उसके फायदे को बताया जाता है ताकि पुलिस वाले जनता के बिल्कुल करीब हो सके. इतना ही नही सीनियर अधिकारी को भी यह बताया जाता है की वे अपने अधीनस्थों के साथ कैसे पेश आयें.इसका सबसे बड़ा फायदा यह दिखने लगा की एक दुसरे पर विश्वास भी बढ़ा और टीम भावना का विकास हो रहा है.
सोशल प्रोग्राम
बेगुसराय पुलिस रोटरी क्लब और अन्य सामजिक संस्थाओं के साथ मिलकर अनेक आयोजन करती है। जिसमे blood doneshan और अन्य एक्टिविटी शामिल है. न सिर्फ़ इतना ही बल्कि पुलिस अपने कार्य क्षेत्र से बाहर निकल कर penting का आयोजन,khel का आयोजन वाद-विवाद प्रतियोगिता ,nibandh प्रतियोगिता जैसी गतिविधि का भी आयोजन करती है. इस प्रकार के आयोजन ने बेगुसराय पुलिस को आम लोगों के बिल्कुल करीब ला दिया है. अब आम लोग भी यह महसूस करने लगे हैं की पुलिस भी हमारा सहयोग चाहती है ताकि समाज की अवांछनीय गतिविधि पर अंकुश लगाया जा सके. पिछले दिनों नक्सली मुठभेड़ में विश्वजीत नाम का एक आरक्षी बुरी तरह घायल हो गया था जिसे चिकित्सकों ने अधिक राशिः की जरुरत बताया था ताकि उसका इलाज हो सके,तब सभी पुलिस बल ने मिल कर अपने निजी कोष से उसका महंगा इलाज करवाया जिससे आपसी विश्वास और टीम वर्क की भावना बढ़ी है.
इस प्रकार बेगुसराय पुलिस अनेक आयोजन के माध्यम से अपनी पूर्व की छवि को बदल कर अच्छे समाज निर्माण की तयारी में जुटी हुई है. हम आम लोगों से निवेदन करते हैं की वे इस ब्लॉग के माध्यम से बेहिचक सुचना उपलब्ध करें,समस्या की तरफ़ पुलिस का ध्यान खींचे ...हम आपकी सेवा के लिए ही तत्पर हैं.

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